Sarkari Naukri : तेलंगाना सीएम ने की 80 हजार सरकारी नौकरियों की भर्ती की घोषणा

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने बुधवार, 09 मार्च, 2022 को एक अहम घोषणा में राज्य सरकार के विभागों में खाली 80,039 रिक्तियों को भरने की घोषणा की है। विधानसभा में एक बयान देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, सरकारी विभागों में रिक्तियों के लिए बुधवार को ही अधिसूचना जारी कर दी गई है। सरकारी रोजगार में स्थानीय निवासियों के लिए 95 प्रतिशत कोटा बढ़ाने के उद्देश्य से एक नई क्षेत्रीय प्रणाली से संबंधित प्रयासों पर राव ने कहा कि हम 95 प्रतिशत स्थानीय कोटे के साथ राष्ट्रपति के आदेश को लागू कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि तेलंगाना के युवाओं को स्थायी आधार पर नौकरी मिले। उन्होंने कहा कि तेलंगाना पूरे देश में एकमात्र राज्य है जिसने सरकारी सेवाओं में स्थानीय लोगों के लिए 95 प्रतिशत आरक्षण दिया है। 80,039 कर्मचारियों की भर्ती से राज्य के खजाने पर 7,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। स्थानीय उम्मीदवारों को 95 फीसदी आरक्षण

राव ने कहा, कार्यालय सहायक से लेकर राजस्व डिविजनल अधिकारी (आरडीओ) संवर्ग तक राज्य के स्थानीय उम्मीदवारों को 95 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा। चंद्रशेखर राव ने कहा कि तेलंगाना एकमात्र राज्य है, जहां 95 फीसदी नौकरियां स्थायी तौर पर राज्य के लोगों को मिलेंगी। मात्र पांच फीसदी ही गैर मूल निवासियों को दी जाएंगी। 80,039 नौकरियों के लिए राज्य पर 7,000 करोड़ राजस्व का सालाना बोझ पड़ेगा। ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी नियमित किया जाएगा।

अधिकतम आयु सीमा 10 साल बढ़ाई

सीएम ने सरकारी नौकरियों के लिए उम्मीदवारों की अधिकतम आयु सीमा को 10 वर्ष बढ़ाने की घोषणा भी की। उन्होंने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार ने पुलिस जैसी वर्दीधारी सेवाओं के लिए भर्ती के अलावा अन्य सभी सीधी भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को 10 वर्ष बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के साथ, ऊपरी आयु सीमा ओसी के लिए 44 वर्ष, एससी, एसटी और बीसी के लिए 49 वर्ष और शारीरिक रूप से विकलांगों के लिए 54 वर्ष होगी।

11,103 अनुबंध कर्मचारियों की सेवाएं नियमित होंगी

इसके अलावा, राव ने कहा कि राज्य सरकार 11,103 की संख्या वाले अनुबंध कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करेगी। उन्होंने कहा कि इसके बाद राज्य में संविदा नियुक्ति की कोई व्यवस्था नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थानों के बंटवारे को लेकर आंध्र प्रदेश के साथ विवादों के सुलझने के बाद नौकरी के अधिक अवसर होंगे। नौकरी प्रदान करना तेलंगाना राज्य के आंदोलन के मुख्य मुद्दों में से एक था।

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